संस्कृत दिवस

प्राचीन काल में श्रावण पूर्णिमा से पौष पूर्णिमा तक अध्ययन चलता था, वर्तमान में भी गुरुकुलों में श्रावण पूर्णिमा से वेदाध्ययन प्रारम्भ किया जाता है। इसीलिए इस दिन को संस्कृत दिवस के रूप से मनाया जाता है।
विद्यालय में 31 अगस्त 2023 को संस्कृत दिवस बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया । इस कार्यक्रम में कक्षा षष्टम् से लेकर अष्टम कक्षा के छात्रों ने भाग लिया। कार्यक्रम के मुख्य आकर्षण बिन्दु निम्नलिखित रहे –
दीप प्रज्वलन – संस्कृत दिवस कार्यक्रम का आयोजन हमारे विद्यालय में बहुत ही शानदार रहा। इस कार्यक्रम का प्रारंभ हमारे विद्यालय की उपप्राचार्या डॉ सुनीता जाखड़ व हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ सविता उपाध्यय जी द्वारा दीप प्रज्वलित करके आरंभ किया गया ।
नीति श्लोक – कक्षा षष्टम् के ” आरोही , रजत, हिमांश , विद्यार्थियों के द्वारा संस्कृत के नीति श्लोक का उच्चारण सस्वर किया गया , इस को करते वक्त विद्यार्थियों ने बहुत ही आनंद का अनुभव किया साथ में सभागार में जितने विद्यार्थी बैठे थे उन्होंने भी इन नीति श्लोक को सुनकर इनका आनंद लिया तथा करतल ध्वनि के साथ इनका छात्रों का उत्साहवर्धन किया । कक्षा षष्टम् के विद्यार्थियों के द्वारा इतनी सुंदर प्रस्तुति को देख कर लगा कि इन विद्यार्थियों को अपनी संस्कृत भाषा से बहुत ही ज्यादा प्रेम है ।
संस्कृत नाटक ( पर्यावरण संरक्षण) – कक्षा षष्टम् से लेकर अष्टम तक के छात्रों ने “” अथर्व ,
प्रण्या , माधव, याशिका , तानि , स्वधा “” इस संस्कृत नाटक में भाग लिया। इस नाटक में मित्रों का संवाद एवं नाटक दोनों देखने को मिला । इस नाटक को करते हुए सभी विद्यार्थियों ने काफी आनंद का अनुभव किया एवं सभागार में जितने भी विद्यार्थी थे उन्होंने भी इस नाटक के माध्यम से यह शिक्षा ग्रहण की कि हमें कूड़ा इत्यादि सड़कों में नहीं फेंकना चाहिए । इस नाटक का मुख्य उद्देश्य जो था वह पर्यावरण संरक्षण के लिए जीने सभागार में उपस्थित सभी विद्यार्थियों ने बहुत ही अच्छी तरह से समझा । नाटक होने के बाद हमने विद्यार्थियों से पर्यावरण संरक्षण के लिए नाटक में से प्रश्न भी पूछे जो नाटक में दिखाया गया।
संस्कृत नृत्य – कक्षा सप्तम की “” सृष्टि, प्लाक्षा, देवांशी , इशिता “” छात्राओं ने संस्कृति नृत्य को बहुत ही अच्छी तरह से प्रस्तुत किया। नृत्य को देखकर सभी मंत्रमुग्ध हो गए । छात्राओं ने संस्कृत गीत के माध्यम से संस्कृत नृत्य को कत्थक नृत्य रूप में प्रस्तुत किया।
*संस्कृत मंगल गीत * – कक्षा अष्टम की “” आन्या अग्रवाल, आहाना, अक्षरा, अनन्या, कनक खन्ना, भूमिजा, छात्राओं ने संस्कृत गीत को गायन के माध्यम से बहुत ही सुंदर तरीके से इस संस्कृत गीत को गया। छात्रों ने संस्कृत गीत को गाते समय गीत की लयबद्धता को भी ध्यान में रखा एवं एक-एक शब्द का उच्चारण छात्राओं ने बहुत ही अच्छे तरीके से किया। इसे संस्कृत गीत को छात्रों ने गाते समय बहुत ही आनंद का अनुभव किया एवं इस गीत को गाते समय उनके मन में किस प्रकार से हम लोक कल्याण कर सकते हैं तथा हमें किस तरह से एक रहने की आवश्यकता है इस विषय को उन्होंने अपने गीत के माध्यम से सभी के समक्ष प्रस्तुत किया ।
संस्कृत भाषा का महत्व –
कक्षा सप्तम के ” हरीश ”छात्र ने संस्कृत भाषा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए संस्कृत में भाषण दिया। आधुनिक समय में संस्कृत की उपयोगिता एवं प्राचीन समय से चली आ रही संस्कृत भाषा की उपयोगिता एवं महत्व को विद्यार्थी ने संस्कृत भाषा के माध्यम से बहुत ही सुंदर तरीके अपने भाव को सभी छात्रों के समक्ष प्रस्तुत किया ।
इस प्रकार से संस्कृत दिवस के दिन हमने कुछ कार्यक्रमों का आयोजन किया । यह कार्यक्रम बहुत ही सफल रूप से संपन्न हुआ । इस संस्कृत दिवस को मानते हुए सभी विद्यार्थियों के मन में बड़ी उत्सुकता थी और बड़े ही हर्ष था उन्होंने इस कार्यक्रम को बहुत ही आनंद के साथ देखा एवं और समझा। सभी विद्यार्थियों ने संस्कृत दिवस बहुत हर्षोल्लास के साथ मनाया व संस्कृत के महत्व को समझा। डॉ सविता ने संस्कृत के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बच्चों की प्रस्तुति की सराहना की व संस्कृत अध्यापक श्रीमती लकी व श्री ललित नौटियाल को बधाई दी।

Comments are closed.